नई दिल्ली | Aung San Suu Kyi: म्यांमार की एक अदालत ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के आरोप में अपदस्थ नेता आंग सान सू की को 7 साल की जेल की सजा सुना दी है। जिसके बाद नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है।
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’आंग सान सू’ म्यांमार में दशकों से सैन्य शासन के विरोध की प्रमुख नेता रही हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता ’सू की’ को हेलिकॉप्टर किराए पर लेने और उसका रखरखाव करने से संबंधित भ्रष्टाचार के 5 मामलों में पहले ही जेल में बंद कर दिया गया था। एएफपी की खबर के मुताबिकयहीं नहीं, सेना ने म्यांमार में 2023 में नए सिरे से चुनाव कराने की भी घोषणा की है।
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सू की ने खुद पर लगे आरोपों को बताया निराधार
Aung San Suu Kyi: म्यांमार में सैन्य शासन की विरोधी नेता ’आंग सान सू की’ को तख्तापलट के बाद से हिरासत में लिया गया था। उनको पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं सू की हमेशा से अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। बता दें कि फरवरी 2021 को म्यांमार की सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली थी और आंग सान सू की समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
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कौन हैं ’सू की’
Aung San Suu Kyi: आपको बताना चाहेंगे कि, म्यांमार की ’आंग सान सू की’ एक वैश्विक छवि की नेता है। सू की दशकों तक सैन्य शासन के खिलाफ लोकतंत्र के लिए लंबा संघर्ष करती रही हैं। सू की ने म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए काफी जतन किए हैं। लोकतंत्र की मांग करने के चलते उन्हें 15 सालों से भी ज्यादा समय तक नजरबंद या जेल में रहना पड़ा था। फिर उन्होंने देश की कमान संभाली। म्यांमार में तख्तापलट के साथ ही सैन्य शासन आया और सू की को गिरफ्तार कर लिया गया।
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