वाशिंगटन। अमेरिका ने आज कहा कि भारत के नए नागरिकता कानून में ‘धार्मिक मानक को लेकर वह चिंतित’ है लेकिन एक कानून के तौर पर इस पर भारत में विभिन्न संस्थाओं में बहस की जानी है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने यहां पत्रकारों से कहा “ हम इस कानून में धार्मिक मानक को लेकर चिंतित है लेकिन एक बार फिर यही कहना है कि अब यह एक कानून बन चुका है और इस पर भारत में विभिन्न संस्थाओं में बहस जारी है तथा इसकी समीक्षा की जा रही है।
यह ऐसा कानून है जिसकी समीक्षा अदालतों में की जाएगी। इसका विरोध विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से किया जा रहा है। मीडिया में भी इस पर बहस चल रही है और ये सभी संस्थान एक लोकतांत्रिक भारत में अस्तित्व में है और इस प्रकिया का सम्मान करते हैं।”
गाैरतलब है कि नए कानून में 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले अल्पसंख्यक समुदायों हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन , पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून को भारत की संसद के दाेंनों सदनों ने पारित कर दिया है लेकिन इसका विरोध छात्र समुदाय,बुद्धिजीवी समाज,लेखक, फिल्मी कलाकार आदि कर रहे हैं और उनका कहना है कि यह कानून असंवैधानिक है।
नागरिकता कानून को नीति के तौर पर अंधेरे में नहीं लाया गया: अमेरिका
और पढ़ें
-
कोलिन्स ने मियामी में अलेक्जेंड्रोवा को हराया
फ्लोरिडा। अमेरिकी डेनिएल कोलिन्स (Danielle Collins) ने मियामी ओपन में गुरुवार रात 14वें नंबर की खिलाड़ी एकाटेरिना अलेक्जेंड्रोवा (Ekaterina Alexandrova)...
-
अदा शर्मा ने शेयर किया फिटनेस मंत्र
मुंबई। एक्ट्रेस अदा शर्मा (Adah Sharma) ने फिटनेस मंत्र शेयर करते हुए कहा है कि यह मजेदार होना चाहिए और...
-
राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 12 रन से हराया
जयपुर। यहां के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गुरुवार को खेले गए ईपीएल 2024 के मैच में युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal)...
-
घर का सोना नीलाम
छुड़ा पाने में नाकामी के कारण बड़ी संख्या में लोगों का कर्ज के लिए गिरवी रखा गया सोना अगर नीलाम...