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परमाणु हथियार रखने में ईरान की दिलचस्पी नहीं : रवांची

ByNI Desk,
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परमाणु हथियार रखने में ईरान की दिलचस्पी नहीं : रवांची
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत माजिद तख्त रवांची ने कहा है कि परमाणु हथियार रखने में उनके देश की कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि देश के सर्वाेच्च नेता अली खमेनी ने ऐसा करने पर रोक लगा रखी है और यह उनकी रक्षात्मक रणनीति में भी शामिल नहीं है। ईरान ने रविवार को संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) पर अपनी अंतिम सीमाओं को छोड़ने की घोषणा की और कहा कि इसके परमाणु कार्यक्रम के विकास के बारे में और अब उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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रवांची ने सोमवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा,“ नहीं, हम नहीं हैं, हमें परमाणु हथियार रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि हमारे सर्वोच्च नेता द्वारा परमाणु हथियारों को प्रतिबंधित करने के लिए हमारे पास बिल्कुल स्पष्ट धार्मिक निर्णय है। ईरान के रक्षात्मक सिद्धांत में भी परमाणु हथियारों के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए, हम परमाणु हथियार नहीं रखना चाहते हैं।” जेसीपीओए जिसे ईरानी परमाणु समझौते के रूप में भी जाना जाता है, पर वर्ष 2015 में ईरान और पी5+1 देशों, जिनमें रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ जर्मनी शामिल हैं, के बीच हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के मुताबिक ईरान को प्रतिबंधों में राहत के एवज में अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटना और यूरेनियम भंडाराें को बंद करना था। इसके अलावा, यूरोपीय संघ भी इस समझौते में एक हस्ताक्षरकर्ता है। मई 2018 में अमेरिका एकतरफा निर्णय लेते हुए इस समझौते से हट गया और ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए। एक साल बाद ईरान ने धीरे-धीरे इस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को छोड़ना शुरू कर दिया। जेसीपीओए के तहत शेष सीमाओं को खारिज करने का हाल ही में ईरान का फैसला दरअसल बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गये शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के प्रतिशोध में उठाया गया कदम है।
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