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स्वीडन, फिनलैंड जल्दी ज्वाइन करेंगे नाटो

ByNI Desk,
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स्वीडन, फिनलैंड जल्दी ज्वाइन करेंगे नाटो
ब्रसेल्स। यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 130 दिन से ज्यादा समय से चल रही जंग के बीच दो और यूरोपीय देशों स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ध्यान रहे नाटो में शामिल होने की आशंका में ही रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है। इस युद्ध के बीच ब्रसेल्स में नाटो के 30 सहयोगियों ने मंगलवार को स्वीडन और फिनलैंड के लिए परिग्रहण प्रोटोकॉल पर दस्तखत किए। इसके दोनों देशों का सदस्यता संबंधी अनुरोध विधायी मंजूरी के लिए नाटो देशों की राजधानियों को भेजा गया। गौरतलब है कि फरवरी में रूस ने अपने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला किया था, जिसकी वजह से यूरोप में रूस के प्रति नाराजगी बढ़ी और नाटो व यूरोपीय संघ के देशों ने उसे अलग-थलग करना शुरू किया। जो देशों को नाटो में शामिल करना इसी प्रयास का हिस्सा है। इस पहले के बाद नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा- यह फिनलैंड, स्वीडन और नाटो के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण है। स्टोल्टेनबर्ग ने इसे लेकर कहा- यह फिनलैंड और स्वीडन और नाटो के लिए एक अच्छा दिन है। अब 32 सदस्य देशों के साथ हम और ज्यादा मजबूत होंगे। स्वीडन के विदेश मंत्री एन लिंडे ने कहा- हम सहयोगियों के समर्थन के लिए बहुत शुक्रगुजार हैं। हमें विश्वास है कि हमारी सदस्यता नाटो को मजबूत करेगी और यूरो अटलांटिक क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ाएगी। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद स्वीडन और फिनलैंड ने गुटनिरपेक्षता की नीति छोड़ नाटो में शामिल होने का फैसला किया था। इस बीच उधर यूक्रेन के पूर्वी हिस्सा में रूस ने बड़ी जंग जीतने का ऐलान किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लुहांस्क के लिसीचांस्क शहर पर रूसी सेना के कब्जे के बाद रूसी सैनिकों को बधाई दी। पुतिन ने कहा- जो सैनिक लिसीचांस्क के कब्जे में शामिल थे, उन्हें आराम करना चाहिए और अपने को युद्ध के लिए और बेहतर करना चाहिए। दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की ने पूरे लुहांस्क क्षेत्र पर रूस के नियंत्रण के बाद, लिसीचांस्क शहर सहित खोए हुए सभी क्षेत्र को फिर से हासिल करने का वादा किया।
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