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महिलाओं के विरोध को दबाने के लिए तालिबान ने बनाई 'बुर्का रिजीम', लड़ाकों की पत्नियों को दे रहा ट्रेनिंग...

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महिलाओं के विरोध को दबाने के लिए तालिबान ने बनाई 'बुर्का रिजीम', लड़ाकों की पत्नियों को दे रहा ट्रेनिंग...
नई दिल्ली | Taliban Afghanistan Women's Protest : अफ़गानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद से उसका महिलाओं के प्रति रवैया साफ है. तालिबान अपनी ओर से हमेशा से यह संकेत देना चाहता है कि वह महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है. अफगानिस्तान से आने वाली मीडिया रिपोर्ट और तस्वीरों को देखकर तालिबान के सारे दावे खोखले नजर आते हैं. शायद यही कारण है कि अब अपना निशान की महिलाओं को मौत का डर नहीं रहा. इसलिए महिलाएं खुलकर तालिबानी लड़ाकों के सामने बेखौफ प्रदर्शन कर रही हैं. ऐसे में तालिबान की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही है. एक ओर उसे विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर तालिबान को डर है कि इसे मुद्दा बनाकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाने लगेगा. इससे बचने के लिए तालिबान ने एक नई युक्ति निकाली है. Taliban Afghanistan Women;s Protest :

तालिबान महिला विंग की स्थापना

Taliban Afghanistan Women's Protest : तालिबान ने कुछ महिलाओं को लेकर एक महिला विंग की स्थापना की है. इसका नाम तालिबान ने बुर्का रिजीम दिया है. जानकारी के अनुसार जिन महिलाओं को इसमें स्थान दिया गया है वह तालिबान लड़ाकों की पत्नियां, बहने और बेटियां ही हैं. इनमें से 40 ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने भारत, चीन, ब्रिटेन और ईरान में शिक्षा प्राप्त की हुई है. तालिबान चाहता है कि ये महिलाएं विरोध करने वाली महिलाओं को समझाएं की शरीयत के हिसाब से चलना अल्लाह को पसंद है. बताया गया है कि यह महिलाएं सीधे तौर पर इंटीरियर मिनिस्टर सिराजुद्दीन हक्कानी और टॉप तालिबान लीडरशिप को रिपोर्ट करेंगी. इसे भी पढ़ें - मुसलमान ‘बैंड बाजा पार्टी’ की तरह हैं, उनके पास कोई नेतृत्व नहीं है – असदुद्दीन ओवैसी

दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग

Taliban Afghanistan Women's Protest : जानकारी मिली है कि महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है.पहले जत्थे में 100 ऐसी महिलाओं को कंदधार और कुनार प्रांत में 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई थी. तालिबान इन महिलाओं की आगे की ट्रेनिंग के लिए टर्की और पाकिस्तान से भी बात कर रहा है. बताया गया है कि तालिबान के एक बार फिर से सत्ता में आने के पीछे इन महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है. यह जासूस नेटवर्क की तरह काम करती है और तालिबानी लड़ाकों की तरह कुछ भी करने को तैयार होती हैं. तालिबान आप इन महिलाओं की मदद से महिलाओं के विरोध को दबाना चाह रहा है. इसे भी पढ़ें-Google 23 साल का हुआ, होमपेज केक डूडल के साथ मनाया जन्मदिन
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