नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की संचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल की हालत सुधारने और उसे नए सिरे संचार क्षेत्र के मुकाबले में उतारने के लिए बड़ा निवेश करने का फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बीएसएनएल के पुनरूद्धार के लिए एक लाख 64 हजार करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी है।
पैकेज के तीन हिस्से हैं। पहला सेवाओं में सुधार का है, जबकि दूसरा बही-खातों को मजबूती देने और तीसरा फाइबर नेटवर्क का विस्तार करने से जुड़ा है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक में हुए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के 33 हजार करोड़ रुपए के बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा। साथ ही कंपनी इतनी ही राशि के बैंक कर्ज के भुगतान के लिए बॉन्ड जारी करेगी।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कि मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड यानी बीबीएनएल के विलय को भी मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि कंपनी नेटवर्क के अपग्रेडेशन के लिए कैपेक्स को मंजूरी दे दी गई है, अपग्रेडेशन के लिए भारतीय उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने 26,316 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के जरिए देश के ऐसे गांवों में 4जी मोबाइल सेवा पहुंचाएगी, जहां अभी तक यह सेवा नहीं पहुंची है।
देश में चल रही 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बारे में एक सवाल के जवाब में वैष्णव ने बताया कि 5जी के स्पेक्ट्रम की नीलामी के दूसरे दिन यानी बुधवार को 1.49 लाख करोड़ रुपए की बोलियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि नौवें दौर की बोली जारी है। सरकार को नीलामी के पहले दिन मंगलवार को स्पेक्ट्रम बोली का चौथा दौर पूरा होने के बाद 1.45 लाख करोड़ रुपएये की बोलियां मिली थीं।
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