
नई दिल्ली। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बैंकिंग घोटाले से भी बड़े बैंकिंग घोटाले का खुलासा हुआ है। इसे भी गुजरात की एक कंपनी ने अंजाम दिया है। गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड ने देश के 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने 14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया था। एबीजी शिपयार्ड का घोटाला भारत का अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है।
केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों- ऋषि अग्रवाल, संथनम मुथुस्वामी और अश्विनी अग्रवाल ने बैंकों से करीब 23 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। एबीजी शिपयार्ड और उसकी फ्लैगशिप कंपनी जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत का कारोबार करती है। शिपयार्ड्स गुजरात के दाहेज और सूरत में स्थित हैं।
देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई की शिकायत के अनुसार, कंपनी ने उससे 2,925 करोड़ रुपए कर्ज लिया था। देश की सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई से सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ रुपए का कर्ज कंपनी ने लिया था। आईडीबीआई से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ और इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, जो बकाया है। यह पूरा घोटाला अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 के बीच का है।
वित्तीय प्रबंधन की निजी कंपनी अर्नस्ट एंड यंग की 18 जनवरी 2019 को सौंपी गई फोरेंसिक रिपोर्ट की ऑडिट से पता चलता है कि आरोपियों ने साजिश रची और पैसे को दूसरी जगह ट्रांसफर किया, अनियमितता की और आपराधिक साजिश की। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में यह कहा गया है। सीबीआई का कहना है कि यह धोखाधड़ी फंड के डायवर्जन, वित्तीय अनियमितता और बैंक के फंड की कीमत पर गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए की गई। सीबीआई ने इस मामले में अब आगे जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला बेहद चर्चित रहा था। नीरव मोदी अभी ब्रिटेन में गिरफ्तार है और उसे भारत लाने का प्रयास चल रहा है। उससे भी पहले शराब कारोबारी विजय माल्या पर भी करीब नौ हजार करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी का मामला भी चर्चा में रहा था। उसे भी लंदन से भारत लाने का प्रयास चल रहा है।