नई दिल्ली | Iran Protester Hanging: जहां भारत जैसे देश कुख्यात मुजरिमों को सजाए-मौत की सजा देने से कतराते हुए नजर आते हैं वहीं ईरान में लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया जा रहा है। ईरान में एक और युवक को फांसी पर लटका दिया गया। 24 नवंबर को मशहद रिवोल्यूशनरी कोर्ट ने मजीदरेज़ा रहनवार्ड को मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उसे आज सुबह फांसी दे दी गई। आपको बता दें कि, ईरान में एक प्रदर्शनकारी मोहसिन शेखरी को फांसी दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद ये दूसरी फांसी है।
इस फांसी को लेकर ईरान सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि उसने कथित तौर पर इस आरोपी को एक वकील तक मुहैया नहीं कराने दिया। यही नहीं ये भी बात सामने आ रही है कि, इस युवक को कैद में गंभीर यातनाएं दी गईं। क्यों कि, जब उसे अदालत में पेश किया गया तो उसके जिस्म पर गंभीर चोटें दिख रही थी।
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क्यों दी गई सजाए-मौत की सजा?
Iran Protester Hanging: ईरान द्वारा आरोपी घोषित किए एक मजीदरेज़ा रहनवार्ड की उम्र मात्र 23 साल थी। वह एक पहलवान था। उस पर आरोप था कि उसने हाल के महीनों में देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान ईरानी सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या की और 4 अन्य को घायल कर कर दिया। जिसके चलते उसे मौत की सजा सुनाई गई। ‘द जेरूसलम पोस्ट’ की एक खबर के अनुसार, ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, मशहद में कथित रूप से सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए इस युवक को सजाए-मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद सोमवार यानि सुबह इसे फांसी लगा दी गई।
वहीं दूसरी ओर, ईरान के विपक्षी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस युवक रहनवार्ड को एक झूठे मुकदमे में मौत की सजा सुनाई गई। उनका कहना है कि, ईरान के कई कैदियों को ईरानी अधिकारियों ने दबाव बनाकर बयानों को रिकॉर्ड कराने के लिए मजबूर किया है।
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