नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की ढाई सौ सीटों के लिए रविवार को मतदान हुआ। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मतदाताओं ने मतदान को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया और शाम साढ़े पांच बजे मतदान खत्म होने तक महज 50 फीसदी वोट पड़ने की खबर है। इस बीच वोटिंग में गड़बड़ी और मतदाता सूची में नाम नहीं होने की शिकायत भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ने चुनाव आयोग से की। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का नाम मतदाता सूची से गायब मिला।
बहरहाल, दिल्ली के सभी ढाई सौ वार्डों में शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 50 फीसदी मतदान होने का अनुमान है। हालांकि कई मतदान केंद्रों पर साढ़े पांच बजे से ठीक पहले लोग पहुंचे और उनसे देर तक मतदान कराया गया। इससे अंतिम आंकड़ा बदल सकता है। इसके बावजूद मतदान प्रतिशत पिछली बार से कम रहने की संभावना है। पिछली बार यानी 2017 में करीब 54 फीसदी मतदान हुआ था।
दिल्ली नगर निगम की ढाई सौ सीटों पर सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम साढ़े पांच बजे तक चला। नगर निगम चुनाव के नतीजे सात दिसंबर को आएंगे। सोमवार को होने वाले गुजरात चुनाव को देखते हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव के एक्जिट पोल भी रोक दिए गए हैं। निगम के चुनाव में इस बार भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों लड़ रहे हैं लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के बीच है।
गौरतलब है कि 2012 के चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में बांट दिया था। हालांकि इस साल फिर से तीनों को एक कर दिया गया। इस वजह से चुनाव में छह महीने की देरी हुई है। दिल्ली नगर निगम में भाजपा 15 साल से काबिज है। इस बार भी पार्टी चुनाव जीतने का दावा कर रही है।