देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ से लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है। छह सौ से ज्यादा घरों में दरार आने और कई इलाकों में जमीन धंसने की खबर के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को इलाके का दौरा किया था और रविवार को लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया। अधिकारियों के मुताबिक 60 परिवारों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। पहले चरण में कम से कम 90 और परिवारों को वहां से निकाला जाएगा। इस बीच केंद्र सरकार ने भी जोशीमठ के हालात की समीक्षा की है।
बताया जा रहा है कि रविवार को जोशीमठ को एक भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और शहर में क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया गया है। गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने शहर में चार-पांच जगहों पर राहत केंद्र बनाए हैं इस बीच, चमोली के कलेक्टर हिमांशु खुराना ने नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की।
गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने गुरुवार से जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जोशीमठ की 610 इमारतों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे ये रहने लायक नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है। सुशील कुमार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र करीब डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हो सकता है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में चार-पांच सुरक्षित जगहों पर अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं। इनमें करीब डेढ़ हजार लोग रह सकते हैं।
गढ़वाल के आयुक्त ने कहा कि जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने की समस्या देखी जा रही है। लेकिन पिछले एक हफ्ते में यह बढ़ गया है और घरों, खेतों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते कस्बे के नीचे एक पानी का नाला फूटने के बाद स्थिति और खराब हो गई है। घरों में दरार आने की घटनाओं के बाद कई परियोजनाओं पर काम रोक दिया गया है।
इस बीच मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने प्रधानमंत्री कार्यालय में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।