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छत्तीसगढ़ में जल्द नियमित होंगे 7 हजार शिक्षाकर्मी : भूपेश

ByNI Desk,
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छत्तीसगढ़ में जल्द नियमित होंगे 7 हजार शिक्षाकर्मी : भूपेश
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जिन लगभग सात हजार शिक्षाकर्मियों का आठ वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनका नियमितीकरण आदेश जल्द निकाल दिया जाएगा। बघेल ने आज यहां आकाशवाणी से प्रसारित अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी में यह ऐलान करते हुए कहा कि शिक्षामितान या अतिथि शिक्षकों के 1885 पद स्वीकृत किए गये हैं। अतिथि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का अधिकार स्थानीय स्तर पर दिया गया है। लगभग 15 हजार व्याख्याताओं की भर्ती की प्रक्रिया पूर्णता की ओर है अभी सत्यापन का कार्य किया जा रहा है।आदिवासी अंचलों में कनिष्ठ चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है ताकि इन अंचलों के युवाओं को स्थानीय स्तर पर शासकीय सेवा में लिया जा सके। उन्होने कहा कि गत एक जनवरी से देश की सबसे बड़ी ‘‘स्वास्थ्य सेवा योजना’’ भी शुरू कर दी है। प्रदेश के सभी 65 लाख परिवारों के प्रत्येक सदस्य के उपचार हेतु ‘‘डा.खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ एवं ‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ शुरू कर दी है।‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के तहत 20 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता जरूरतमंद लोगों को दी जायेगी।इस योजना में लीवर ट्रांसप्लान्ट, किड़नी ट्रांसप्लान्ट, कार्निया ट्रांसप्लान्ट, हृदय ट्रांसप्लान्ट, हीमोफीलिया, थैलेसिमिया, कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियों का उपचार संभव होगा, जो प्रचलित योजनाओं में नहीं हो पा रहा था। उन्होने बताया कि ‘डा.खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के माध्यम से प्रदेश के 56 लाख परिवारों को 5 लाख रूपए तक का नगद रहित उपचार शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। पूर्व में 42 लाख परिवारों को ही इसका लाभ मिल रहा था।उन्होने कहा कि पूर्व में संचालित योजनाओं में उपचार के दौरान जांच भी सबसे बड़ी समस्या थी, जिसका खर्च उठा पाना मरीज व उनके परिजनों के लिए संभव नहीं हो पाता था। उन्होने कहा कि हम राज्य को अनेक बड़ी स्थायी योजनाएं और अधोसंरचना देने जा रहे हैं जिसके लिए एक बड़ी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता के विकास के लिए समन्वित प्रयास करने हेतु हमने छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया है तो सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी ठोस पहल की जा रही है। औद्योगिक विकास के लिए हमारा पैमाना अलग है। हम चाहते हैं कि अपने संसाधनों और उपजों का वैल्यू-एडिशन हो।
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