नई दिल्ली। कोलकाता, भुवनेश्वर, वाराणसी और त्रिवेंद्रम् हवाई अड्डों पर कार्बन उत्सर्जन के आँकड़े एकत्र कर इसमें कमी लाने की योजना तैयार कर ली गयी है और वहाँ अब कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम किया जायेगा। इन हवाई अड्डों का परिचालन करने वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) में बुधवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता; बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, भुवनेश्वर; लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी और त्रिवेंद्रम् अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन परिषद् (एसीआई) ने कार्बन उत्सर्जन संबंधी कार्यक्रम के ‘लेवल-2’ की मान्यता दी है।
एसीआई ने कहा है कि ये हवाई अड्डे ‘लेवल-2’ में शामिल किये जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस कार्यक्रम के तहत चार स्तर तय किये गये हैं। पहले चरण यानी ‘लेबल-1’ में कार्बन उत्सर्जन का आकलन और इसे कम करने के लिए कार्ययोजना तैयार करना शामिल है। दूसरा चरण उत्सर्जन कम करने का है जबकि चौथे चरण यानी ‘लेवल-3प्लस’ पर पहुँचकर हवाई अड्डे को कार्बन उत्सर्जन निरपेक्ष बनाना होता है।
एसीआई ने दिसंबर 2018 में एएआई को ‘लेवल-1’ की मान्यता दी थी। महज 13 महीने में उसके चार हवाई अड्डे ‘लेवल-2’ की मान्यता पा चुके हैं।