अयोध्या | Shaligram Shila Ayodhya: श्रीराम की नगरी अयोध्या (Ram Janmabhoomi) एक बार फिर से खिलखिला उठी है। यहां प्रभू श्रीराम का मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) जो बन रहा है। भगवान श्रीराम एक बार फिर से माता सीता और अपने भाईयों संग मंदिर में विराजमान होने वाले है। मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में नेपाल से करीब 6 दिनों की यात्रा के बाद ’शालिग्राम शिला’ भी राम दरबार में आ गई हैं।
करीब 6 लाख साल पुरानी हैं ’शालिग्राम शिला’
देर रात ’शालिग्राम शिला’ आयोध्या के रामसेवक पुरम में पहुंची। इसके बाद वैदिक ब्राह्मणों की मौजूदगी में शिला पूजन किया गया। यह शिला करीब 6 लाख साल पुरानी बताई गई है। ’शालिग्राम शिला’ को देख अयोध्या का संत समाज से लेकर हर राम भक्त अभिभूत है और उनके दर्शन पाने को आतुर है। जानकारी के मुताबिक, इन ’शालिग्राम शिलाओं’ जिनका वजन 26 टन और 14 टन है, दो ट्रेलरों पर लाद कर लाया गया था। ये शालिग्राम शिला आज रात 10ः30 बजे पूजा के लिए खुली रहेंगीं।
माना जाता हैं भगवान विष्णु का अवतार
’शालिग्राम शिला’ (Shaligram Shila) के दर्शन पाने को लोग इतने आतुर हुए जा रहे हैं कि, दूरदराज से अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में अयोध्या नगरी में ऐसा उल्लास छाया हुआ हैं जैसे ये आज की अयोध्या नगरी नहीं बल्कि त्रेता युग की अयोध्या हो। संतों का कहना है कि, इस शिला को साक्षात् भगवान विष्णु का अवतार माना जाता हैं।
नेपाल की गंडकी नदी में मिलती है यह शिला
Shaligram Shila Ayodhya: संतों का कहना है कि, यह ’शालिग्राम शिला’ सिर्फ नेपाल की गंडकी नदी में ही मिलती है। इसके हर एक पत्थर को शालिग्राम कहा जाता है। हिंदुओं में घर-घर, हर मठ और मंदिरों में इस पत्थर की भगवान के रूप में पूजा की जाती है।