अहमदाबाद। अडानी समूह के स्वामित्व वाले मुंद्रा बंदरगाह पर तीन हजार किलो हेरोइन मिलने के मामले में अडानी समूह की भूमिका की भी जांच होगी। अदालत ने इस पहलू से जांच करने के आदेश दिए हैं कि क्या इस नशीली दवा के कारोबार से क्या अडानी को भी फायदा हुआ है? adani group heroin case
गुजरात में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस, एनडीपीएस कानून के तहत एक विशेष अदालत ने राजस्व खुफिया निदेशालय, डीआरआई को यह जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या अडानी पोर्ट या उनके प्रबंधन को 2,990 किलोग्राम हेरोइन के आयात से कोई लाभ हुआ है?
गौरतलब है कि डीआरआई ने 16 सितंबर को मुंद्रा एयरपोर्ट पर दो कंटेनर में करीब तीन हजार किलो हेरोइन बरामद की थी, जिसेअफगानिस्तान से आयात किया गया था। यह भारत में हुई अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। बताया जा रहा है कि इससे पहले जून में इसी बंदरगाह से 25 टन हेरोइन निकल कर देश के अलग अलग हिस्सों में गई है। बहरहाल, इस मामले में चेन्नई से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Read also छत्तीसगढ़ के 13 विधायक दिल्ली पहुंचे
मुंद्रा बंदरगाह का स्वामित्व अडानी पोर्ट के पास है, जो कि गौतम अडानी की कंपनी है।बताया गया है कि हेरोइन की खेप आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा आयात की गई थी और इसे टेल्कम पाउडर बताया गया था।बहरहाल, विशेष अदालत ने कहा है-इस बात की जांच किए जाने की जरूरत है कि मुंद्रा अडानी पोर्ट के प्रशासन और अधिकारियों का क्या रोल रहा है। ये कनसाइनमेंट विदेश से भारत भेजा गया और मुंद्रा पोर्ट पर आया। आखिर कैसे बंदरगाह के अधिकारी और प्रशासन इसे लेकर बिल्कुल अनभिज्ञ थे।