नई दिल्ली। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संगठन (एआईफुक्टो) के महासचिव प्रो. अरुण कुमार ने कोरोना महामारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए अविलंब हस्तक्षेप करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में डाॅ कुमार ने राज्य सरकार पर हठधर्मिता और घोर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए श्री मोदी से अनुरोध किया है कि वह अपनी सदाशयता का उपयोग करते हुए बिहार सरकार को अविलंब शिक्षक संगठनों के साथ बातचीत करने की सलाह दें
ताकि जारी गतिरोध समाप्त हो सके। इससे साढ़े चार लाख शिक्षकों को राहत मिलेगी। पत्र में वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बिहार सरकार ने अपनी दमनात्मक कार्रवाई के तहत हड़ताल से पूर्व शिक्षकों की कार्यरत अवधि जनवरी और फरवरी का वेतन भी रोक लिया है जो पूर्णतः असंवैधानिक और अमानवीय है।पत्र के अनुसार अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों ,इन्टर महाविद्यालयों ,संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों एवं मदरसा शिक्षकों -कर्मियों के साथ भी अन्याय कर उनके वेतन मद के अतिरिक्त अनुदान की राशि लंबित कर दी गई है।
एआईफुक्टो ने की शिक्षकों के मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
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