मुंबई। महाराष्ट्र की मुख्य विपक्षी पार्टी एनसीपी में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। अजित पवार ने भले कह दिया है कि वे जब तक जीवित हैं तब तक एनसीपी के लिए काम करते रहेंगे लेकिन इससे उनके चाचा शरद पवार की नाराजगी दूर नहीं हुई है। पार्टी सुप्रीम शरद पवार ने शुक्रवार को एनसीपी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की, जिसमें अजित पवार को नहीं बुलाया गया था। जब अजित पवार को नहीं बुलाए जाने की खबर सामने आई तो कहा गया कि उनको पहले से तय एक कार्यक्रम में जाना था।
इस बीच खबर है कि एनसीपी ने कर्नाटक में अपनी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें अजित पवार को नहीं शामिल किया गया है। शरद पवार से लेकर प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले जैसे तमाम बड़े नेता इस सूची में शामिल हैं। इससे पहले शुक्रवार को घाटकोपर में एनसीपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें अजित पवार को नहीं बुलाय गया।
बाद में अजित पवार ने कहा कि जिस समय यह बैठक होनी थी उसी समय उनको पुणे में पहले से तय कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। बताया जा रहा है कि बैठक में महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चर्चा हुई। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से अजित पवार के भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं और कहा जा रहा है कि इस वजह से शरद पवार अपने भतीजे से नाराज हैं।
इस विवाद में शिव सेना के सांसद संजय राउत भी कूद पड़े हैं, जिनको लेकर अजित पवार ने नाराजगी जताई है। राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने कॉलम में अजित पवार पर सवाल उठाया था, जिससे नाराज अजित पवार ने मीडिया के सामने कहा- संजय राउत कौन हैं, मैं उनको नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे किसी का नाम नहीं ले रहे हैं तो किसी और को भी उनका नाम नहीं लेना चाहिए।