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कोरोना की अलीशान जिंदगी, लॉकडाउन में 14 महीने 5-स्टार होटल में रहा ये शख्स

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कोरोना की अलीशान जिंदगी, लॉकडाउन में 14 महीने 5-स्टार होटल में रहा ये शख्स
कोरोना लॉकडाउन ने कई देशों की अर्थव्‍यवस्‍था को संकट में ला दिया। लोग बेरोजगार हो गए, कई व्‍यापारियों को बड़े नुकसान हुए। वहीं लॉकडाउन के कारण एक व्‍यक्ति को ऐसा खास मौका मिला, जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था। रॉबर्ट मालिया नाम के इस व्‍यक्ति को लॉकडाउन के 14 महीने न्‍यूयॉर्क की एक फाइव स्‍टार होटल में बिताने का मौका मिला. हालांकि इसके पीछे का कारण भी रोचक है। इसे भी पढ़ें आईआईटी के पूर्व छात्र ने अमेरिका में नौकरी छोड़ लौटा अपने वतन, अब कमा रहा 44 करोड़ सालाना

76 कमरे वाले होटल में केवल एक व्‍यक्ति

न्यूयॉर्क शहर के जिस फाइव स्टार होटल में रॉबर्ट ने पूरा लॉकडाउन बिताया, उसमें 76 कमरे हैं। न्यूयॉर्क शहर में मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन के बाद से रॉबर्ट अकेले इस होटल में रहे। इसके पीछे कारण अग्निशमन विभाग की एक घोषणा थी। विभाग ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए एक व्यक्ति को बिल्डिंग में रखा जाए। Crain की रिपोर्ट के मुताबिक इस घोषणा के चलते मिडटाउन में बने फाइव स्टार चटवाल होटल को ऐसे व्‍यक्ति की जरूरत थी, जो लॉकडाउन में यहां रह सके. इसके लिए 36 वर्षीय रॉबर्ट मालिया ने इच्छा जताई।

रॉबर्ट मालिया को नहीं रोकना चाहते थे होटल मालिक

भले ही रॉबर्ट मालिक इस लग्‍जरी होटल में रहने के लिए तैयार थे लेकिन होटल मालिक के लिए वे पहली पसंद नहीं थे। हालांकि कोरोना के डर से जब सारे स्‍टॉफ ने अपने परिवार को अकेला छोड़ना से मना कर दिया तो मजबूरी में मालिक ने रॉबर्ट को यह जिम्‍मेदारी दी। होटल के मालिक रॉबर्ट को नहीं रोकना चाहते थे लेकिन कोई ऑप्शन ना होने के कारण ऐसा करना पड़ा।

5 स्‍टार होटल में रहे लेकिन खाना बाहर से मंगवाया

अपने अनुभवों को लेकर रॉबर्ट मालिया कहते हैं कि जिस होटल में काम किया, उसी में रहने का अनुभव काफी अलग और शानदार था। यह लग्‍जरी फाइव स्‍टार शानदार है। शुरुआत में तो अकेले रहना अजीब लगा लेकिन फिर मुझे आदत हो गई। हालांकि मुझ पर पूरी होटल के कई कामों की जिम्‍मेदारी थी। रॉबर्ट मालिया ने कहा कि 14 महीने तक होटल के कमरे में रहते हुए यहां अपनापन महसूस होने लगा। रॉबर्ट ने कहा कि "जब सप्ताह महीने बन गए, तो मुझे अपने कमरे की आदत हो गई शुरुआत में यहां अकेले रहना उनके लिए काफी अजीब था। यहां सबकुछ बहुत शांत था। होटल स्टाफ के सभी 59 सदस्यों के चले जाने के बाद यहां की सफाई की जिम्मेदारी भी थी। चूंकि मैं यह अकेला था, लिहाजा खाना ज्‍यादातर बाहर से ही मंगवाया।

चलाने पड़ते थे सारे टॉयलेट के फ्लश

चूंकि यह अंदाजा नहीं था कि लॉकडाउन कब तक चलेगा, लिहाजा होटल के सारे फंक्‍शन अच्‍छे से काम करते रहें इसके लिए मालिया को काफी काम भी करना होता है। मालिया बताते हैं कि मुझे हाउसकीपिंग, मेल, मेंटनेंस से जुड़े कई काम करने होते थे। मैं होटल की सफाई करता था। हफ्ते में एक बार सारे टॉयलेट्स के फ्लश चलाता था, ताकि वे ठीक तरह से काम करते रहें। महीने में 2 बार सारे शावर चलाता था और 10 मिनट तक ऑन रखता था। इन सब कामों के लिए मैं हर रोज सुबह 5:30 बजे उठता था.

हर हफ्ते अधिकारी करते थे विजिट

इस दौरान बिल्डिंग की सुरक्षा और बाकी चीजें देखने के लिए सिक्‍योरिटी गार्ड और बिल्डिंग के इंजीनियर विजिट के लिए आते थे। रॉबर्ट मालिया ने बताया कि अग्निशमन डिपार्टमेंट की गाइडलाइन के अनुसार ऐसा करना जरूरी था, ताकि आग से सुरक्षा को लेकर कोई गड़बड़ी न हो।

अब सताने लगी घर की याद

14 महीने से लग्‍जरी होटल में रह रहे रॉबर्ट को अपने घर की याद भी आती थी। चूंकि अब कई होटलें इस महीने से खुलने लगीं हैं, ऐसे में चटवाल होटल को भी जल्‍द ही खोला जा सकता है। इसके साथ ही रॉबर्ट का अपने परिजनों से मिलने का इंतजार भी खत्‍म हो जाएगा।
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