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Rajasthan: भोलेनाथ का अद्भुत मंदिर, जहां शिव जलहरी में से भूगर्भ का वर्षा जल करता है भगवान शंकर का अभिषेक

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Rajasthan: भोलेनाथ का अद्भुत मंदिर, जहां शिव जलहरी में से भूगर्भ का वर्षा जल करता है भगवान शंकर का अभिषेक
जयपुर | भारत में शिव मंदिर तो बहुत है, लेकिन राजस्थान के प्राचीन शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी है जहां शिवलिंग सावन के महीने में बारिश के दौरान पानी में पूरी तरह से डूबा रहता है। इस पौराणिक मंदिर में भगवान शिव की जलहरी भूमि 22 फीट गहरी है। ये भी पढ़ें:- भगवान शिव का रहस्यमयी शिवलिंग जो बिजली गिरने से होता है खंडित, मक्खन लगाते ही पाता है वास्तविक स्वरूप भगवान भोलेनाथ का ये पौराणिक मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर में स्थित है। आमेर में सागर रोड स्थित अंबिकेश्वर महादेव (Ambikeshwar Mahadev Mandir) के नाम से विख्यात भोलेनाथ का ये मंदिर लगभग 5 हजार साल पूर्व का माना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, अंबिकेश्वर महादेव को कच्छावा वंश का कुल देवता भी बताया जाता है। ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान के बाद अब यहां भी मंदिरों और हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़, देखें वीडियो… शिवलिंग पर ऊपर से जल चढ़ानें पर नहीं जाता भूमि में मंदिर की ये खास विशेषता है कि बारिश में शिव जलहरी में से भूगर्भ का वर्षा जल मंदिर में ऊपर तक भर जाता है लेकिन, ऊपर से जल चढ़ाने पर वह भूगर्भ में नहीं जाता। बारिश के दिनों में जलमग्न होने पर भगवा की मूर्तियों को ऊपर विराजित कर पूजा-अर्चना की जाती है। मानसून के बाद मंदिर का जल पुनः भूमि में चला जाता है। ये भी पढ़ें:-  Unique Temple: दुनिया का एक मात्र मंदिर जहां शिवलिंग की नहीं, भोले नाथ के अंगूठे की होती है पूजा चौदह खंभों पर टिके इस प्राचीन मंदिर में अनेक तलघर बने हैं। इस मंदिर का इतिहास भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है। भगवान श्री कृष्ण का यहां मुंडन संस्कार हुआ था। इतिहासकारों के अनुसार आमेर पर मीणा शासकों पर विजय पाने के बाद कछवाह राजा काकिलदेव ने यहां पूर्व में ही निर्मित मंदिर व शिवलिंग को खुदाई कर निकाला और वहीं स्थापित रखकर शिव पूजा की व्यवस्था की। राजा काकिलदेव शिव भक्त थे। उन्होंने भगवान अम्बिकेश्वर महादेव को अपना कुलदेवता माना और अम्बिकेश्वर महादेव के नाम पर आमेर नगर बसाने के लिए नींव रखी। ये भी पढ़ें:- sawan 2021 : जानिए अनंत शिव के डमरू, नाग और चंद्रमा के पीछे की अनंत कहानियां.. गोठ का आनंद लेते हैं जयपुरवासी Ambikeshwar Mahadev Mandir में शिवलिंग आज भी भूमि की सतह से 22 फीट नीचे है। यह मंदिर आमेर महल से सागर जाने वाले रास्त के बीच में स्थित है। बारिश के मौसम में जयपुरवासी यहां शिव अभिषेक के साथ गोठ का आनंद लेते हैं। यहां आसानी से वाहनों से पहुंचा जा सकता है।
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