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ताइवान की खाड़ी में अमेरिका ने उतारा युद्धपोत

ByNI Desk,
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ताइवान की खाड़ी में अमेरिका ने उतारा युद्धपोत
नई दिल्ली। ताइवान पर चीन के बढ़ते दबाव के बीच अमेरिका ताइवान के बचाव में उतरा है। पहली बार चीन के साथ सीधी टकराव की तैयारी दिखाते हुए अमेरिका ने अपने दो युद्धपोत ताइवान स्ट्रेट यानी ताइवान जलडमरूमध्य में उतारा है। ये दोनों युद्धपोत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और परमाणु हथियार से भी लैस हैं। इस तरह अमेरिका ने चीन को बहुत सख्त जवाब दिया है। गौरतलब है कि अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से ही चीनी सेना ताइवान के बिल्कुल नजदीक सैन्य अभ्यास कर रही है और ताइवान पर दबाव बना रही है। अब पहली बार अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई की है। अमेरिका के इस कदम के फौरन बाद चीन के तेवर ठंडे पड़ गए। रविवार को जब अमेरिकी युद्धपोत वॉरशिप ताइवान स्ट्रेट पहुंचे तो चीन ने कहा- हम हालात पर नजर रख रहे हैं। तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। गौरतलब है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीन की सेना पीएलए ने ताइवान के चारों तरफ छह प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किए हैं। यानी इन छह रास्तों से कोई यात्री विमान या जलपोत ताइवान नहीं पहुंच सकते हैं। इस तरह से उसने ताइवान को सबक सिखाने के लिए उसकी घेराबंदी की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रविवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, कई साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिका ने चीन की सैन्य ताकत को सीधे तौर पर चुनौती दी है। अमेरिका ने दो युद्धपोत इस इलाके में तैनात किए हैं। अमेरिका के इस कदम के बाद चीन के तेवर ठंडे पड़ गए है। चीन के रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों ने एक स्वर में कहा है कि उनका इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है। बयान में कहा गया- हम ताइवान स्ट्रैट में तनाव नहीं बढ़ाना चाहते। हम सिर्फ सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। अमेरिका को भी टेंशन बढ़ाने से बाज आना चाहिए। ताइवान हमारा हिस्सा है। चीन के बयान के बाद अमेरिकी नौसेना ने भी जवाब दिया। उसने कहा- हिंद महासागर और इसके रास्तों पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। ये सबके लिए है और इसे फ्री ही रखा जाएगा। हम किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
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