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अमेरिका ने ताइवान भेजे प्रतिनिधि

ByNI Desk,
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अमेरिका ने ताइवान भेजे प्रतिनिधि
ताइपे। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिका को एक खतरा ताइवान में दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा उठा कर चीन कहीं ताइवान पर हमला न कर दे। गौरतलब है कि पिछले दिनों चीन ने ताइवान को अपने देश में मिलाने की मंशा जाहिर की थी। तभी मौजूदा संकट के बीच अमेरिका ने एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान भेजा है। मंगलवार को यह प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा। एक दिन बाद बुधवार को अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी ताइवान पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख भी ताइवान पहुंचेंगे और वे माइक पोम्पियो के साथ ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मिलेंगे। america sent representatives taiwan बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को एक आपात बैठक की, जिसके बाद अमेरिकी रक्षा और कूटनीतिक मामलों के जानकारों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ताइवान की राजधानी ताइपे के लिए रवाना हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी खुफिया एजेंसी के चीफ विलियम बर्न्स भी शामिल हैं। कुछ दिन पहले अमेरिकी मीडिया में खबर आई थी कि चीन की फौज यूक्रेन के हालात का फायदा उठाकर ताइवान में कोई बड़ा सैन्य अभियान कर सकती है। Read also परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ेगी बताया गया है कि इस बारे में पेंटागन और सीआईए ने ताइवान की सरकार को खुफिया तौर पर जानकारी भी दी थी। बहरहाल, राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देश पर जो प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंच रहा है उसका नेतृत्व पूर्व ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ माइकेल मुलेन कर रहे हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी युद्धपोत ताइवान और दक्षिण चीन सागर में पहले से तैनात हैं। ध्यान रहे मुलेनपहले जॉर्ज बुश जूनियर और बराक ओबामा के साथ काम कर चुके हैं। इस टीम में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेघन सुलिवान भी शामिल हैं।
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