नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को निशाना बनाया। उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि कुछ देशों ने आतंकवाद को अपनी राष्ट्रीय नीति बना लिया है। इससे पहले तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ये आरोप लगाए थे और परोक्ष रूप से चीन व पाकिस्तान पर निशाना साधा था।
इस सम्मेलन के समापन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पाकिस्तान को निशाना बनाया। साथ ही उन्होंने आतंकवाद को लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा- हमें हर हाल में इस खतरे से पार पाना होगा। समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- मेरा मानना है कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमारा दृष्टिकोण पांच स्तंभों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने इस दौरान भारत सरकार की ओर से पीएफआई पर लगाई गई पाबंदी का भी जिक्र किया।
अमित शाह ने कहा- मेरा स्पष्ट मानना है कि आतंकवाद लोकतंत्र, मानव अधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है। उन्होंने कहा- कोई भी एक देश या संगठन आतंकवाद को अकेला नहीं हरा सकता। मेरा मानना है कि हर देश को ऐसी आतंक फैलाने वाली संस्थाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही सामाजिक गतिविधि की आड़ में युवाओं को कट्टरपंथ बनाकर और उन्हें आतंक की तरफ धकेलने की साजिश करने वाली एक संस्था को बैन किया है।