चंडीगढ़। तीन दिन की सघन तलाश और छापेमारी के बावजूद पंजाब पुलिस को खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बीच केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ और सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी को अलर्ट किया है और सीमा पर चौकसी रखने को कहा है। दूसरी ओर अमृतपाल के गिरफ्तार पांच साथियों के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए लगा दिया गया है। पुलिस को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई और नशे के तस्करों से अमृतपाल के संबंध को लेकर कई सूचनाएं मिली हैं।
बहरहाल, पुलिस को अमृतपाल के जालंधर में छिपे होने की आशंका है तभी पुलिस ने जिले में प्रवेश करने और निकलने के सभी बिंदुओं पर नाकाबंदी कर दी है। अमृतपाल के गांव जल्लूखेड़ा में भी फोर्स तैनात है। इस बीच जम्मू कश्मीर और हिमाचल से लगी पंजाब की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर ने रविवार देर रात पुलिस के सामने समर्पण कर दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल के चाचा उस मर्सिडीज से सरेंडर करने आया था, जो ड्रग तस्कर से खरीदी गई थी। सरेंडर के बाद पुलिस ने अमृतपाल के चार साथियों के साथ उसके चाचा को भी असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा दिया। पुलिस ने अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के जानकार सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी के पास 35 करोड़ रुपए का विदेशी फंड आया। उसके फोन से पाकिस्तान में भी बात हुई। पुलिस उसके मोबाइल की जांच कर रही है।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अमृतपाल का सीमा पार से संबंध था। वह आईएसआई की मदद से आनंदपुर खालसा फोर्स, एकेएफ तैयार कर रहा था। यह भी कहा जा रहा है कि वह नशा मुक्ति के नाम पर फिदायीन तैयार कर रहा था। इस बीच खबर है कि पंजाब रोडवेज और पनबस की बसें बुधवार को भी नहीं चलेंगी। साथ ही पंजाब में मंगलवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और थोक में एसएमएस भेजने की सेवा बंद कर दी गई है। अमृतपाल के जिन चार साथियों को असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है उनमें फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और प्रधानमंत्री बाजेके शामिल है।