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पेगासस जांच मामले में एक और सार्वजनिक नोटिस

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पेगासस जांच मामले में एक और सार्वजनिक नोटिस
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की तकनीकी समिति ने एक और सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। पहली नोटिस में कमेटी ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि अगर उनको लग रहा है कि उनका फोन हैक हुआ था तो वे कमेटी के पास अपना फोन जमा कराएं ताकि उसकी जांच हो सके। इस नोटिस के जवाब में कमेटी के सामने सिर्फ दो लोगों ने अपने फोन जमा कराए। अब कमेटी ने एक बार फिर सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। गुरुवार को जारी इस नोटिस में कमेटी ने इस मामले से जुड़े लोगों को आठ फरवरी 2022 तक अपने फोन जमा कराने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने इससे पहले दो जनवरी 2022 को भी नोटिस जारी किया था। उस नोटिस में कहा गया था कि जिन भी लोगों को लगता है कि उनके फोन पेगासस के जरिए हैक किए गए हैं, वो अपने फोन सॉफ्टवेयर जांच के लिए कमेटी के पास जमा करा दें। गुरुवार को जारी नोटिस में कमेटी ने बताया है कि पहले नोटिस के बाद सिर्फ दो लोगों ने ही फोन जमा कराए हैं। Read also ‘उपलब्धियों’ पर वोट मांगे भाजपा! इस बीच पेगासस को लेकर अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने नया खुलासा किया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 2017 में इजराइल से हथियार खरीद का 15 हजार करोड़ रुपए का सौदा किया था और उस सौदे में पेगासस की खरीद भी शामिल थे। इस खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील मनोहर लाल शर्मा ने 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट को आधार बना कर एफआईआर दायर करने की इजाजत देने का अनुरोध किया गया है। गौरतलब है कि पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2021 को एक तकनीकी जानकारों की एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस आरवी रवींद्रन को इसका अध्यक्ष बनाया गया था। कमेटी गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर किसी की प्राइवेसी की रक्षा होनी चाहिए।
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