नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले और दोनों देशों के बीच चल रहे जंग के बीच एशियाई के देशों के एक समूह बिम्सटेक की एक अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्य देशों में सहयोग बढ़ाने की अपील की। उन्होंने बुधवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवालिया निशान लगा दिया है। इसके साथ ही मोदी ने बिम्स्टेक के सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। इस समूह में भारत के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। BIMSTEC countries
प्रधानमंत्री ने सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की अपील करते हुए कहा- यह जरूरी हो गया है कि हमारी क्षेत्रीय सुरक्षा को और अधिक प्राथमिकता दी जाए। वर्चुअल तरीके से आयोजित बिम्स्टेक के पांचवें शिखर सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में मोदी ने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा की चुनौतियों के बीच एकता और सहयोग आज के समय की मांग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- आज समय है कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाया जाए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, बिम्स्टेक सचिवालय के परिचालन बजट को बढ़ाने के लिए सहयोग के रूप में 10 लाख अमेरिकी डॉलर देगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिदृश्य से अछूता नहीं है। मोदी ने कहा- हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग अब भी कोविड-19 महामारी के प्रभाव से जूझ रहे हैं। रूस-यूक्रेन जंग का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप में हुए घटनाक्रम से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
शिखर सम्मेलन में बिम्स्टेक चार्टर को अपनाया गया, जिसका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्थागत संरचना को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के नतीजे बिम्स्टेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे। मोदी ने कहा- हमारी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बिम्स्टेक सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी जरूरी है। उन्होंने बिम्स्टेक महासचिव को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक रोडमैप बनाने का सुझाव दिया।