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हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में नई बनी कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का अपना वादा पूरा कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट की पहली बैठक में इस योजना को मंजूरी दी। गौरतलब है कि कांग्रेस ने चुनाव में वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी दी जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के शासन वाले दो अन्य राज्यों- राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन योजना लागू हो गई है।

प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन के अलावा महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए पेंशन देने और एक लाख युवाओं को नौकरी देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए कैबिनेट की सब कमेटी एक महीने में रोडमैप बना कर कैबिनेट को सौंपेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट के फैसले के बाद कहा कि यह लोहड़ी का तोहफा कर्मचारियों को सरकार ने दिया है। महिलाओं की पेंशन और युवाओं की नौकरी के लिए दो सब कमेटी का गठन भी कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा- इसके लिए काफी चुनौतियां आईं और आगे काफी वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा। भाजपा की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- पिछली सरकार कर्मचारियों को नौ हजार का एरियर नहीं दे पाई। अब कर्मचारियों का 4,430 करोड़ का एरियर देना है। रिटायर हुए कर्मचारियों का 5,226 करोड़ बकाया है। सुक्खू ने कहा- छठे वेतन आयोग को लागू करने के बाद कर्मचारियों का हजार करोड़ डीए देने को है। बीजेपी कुल 11 हजार करोड़ रुपए की अदायगी कांग्रेस सरकार की झोली में डालकर गई है।

सुक्खू ने पिछली सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा- नौ सौ के करीब संस्थान खोल दिए गए, जिनमें से 80 प्रतिशत कॉलेज एक टीचर के सहारे खोले गए। अंतिम छह महीने में दैवीय शक्ति आ गई, जिससे ये संस्थान खोल दिए गए। पांच हजार करोड़ का खर्चा इन संस्थानों पर किया गया। पिछली सरकार 75 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कड़े फैसले लेने होंगे जो प्रदेश के हित में होंगे।

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