
नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग की खबर मिलने और स्थानीय अदालत द्वारा उस जगह को सील किए जाने की खबर पर ऑल इंडिया एमआईएम के नेता असद्दुदीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने इसे बड़ा और सांप्रदायिक रंग देते हुए कहा कि मुस्लिम से उनकी मस्जिद की जगह छीनी जा रही है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस के पास 50 हजार मस्जिदों की सूची है, जहां उनका दावा है कि पहले उस जगह पर मंदिर था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ऐसी स्थिति में संसद में बनाए गए धर्मस्थल कानून का क्या मतलब रह जाएगा।
एक निजी टेलीविजन चैनल से बात करते हुए उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की इजाजत देने वाली अदालत के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने धर्मस्थल कानून 1991 का जिक्र करते हुए- 1991 का एक्ट है और सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है। 1991 में हाई कोर्ट ने सर्वे की मांग एक स्टे दिया था। यह स्टे जारी है। कैसे एक लोअर कोर्ट संसद के खिलाफ जाएगा? कैसे एक निचली अदालत सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का उल्लंघन करेगी? उन्होंने कहा- यह रुकने वाली चीज नहीं है। मैं सियासत नहीं कर रहा हूं। आरएसएस के पास 50 हजार से ज्यादा लिस्ट है, जहां वो कहते हैं कि यह मस्जिद एक जमाने में मंदिर थी।
ओवैसी ने कहा- आखिर कब तक हमको इस तरह से धोखा देते रहेंगे। मेरे हिजाब, मेरे हलाल पर खतरा है। मेरी दुकान को आप तोड़ेंगे। अब आप मस्जिद को भी छीन लेंगे। फिर कानून क्यों बनाया गया। उन्होंने कहा- यही डिमांड थी 1991 में और 1991 का स्टे आज भी है। दूसरी पार्टी को लाकर अक्टबूर 2021 में कोर्ट में पहुंच जाते हैं। मुसलमान पक्ष की कोर्ट ने नहीं सुनी। मुसलमान पक्ष कहता है कि हमें यह सर्वे और यह कमीशन नहीं चाहिए लेकिन कोर्ट नहीं मानता।