नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के दो राज्यों- असम और मेघालय के बीच दशकों से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के बीच एक समझौते पर दस्तखत हुआ है। दोनों राज्यों ने सीमा पर छह जगहों के विवाद को सुलझाने के लिए समझौता किया है। दोनों राज्यों की सरकारों ने 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी में एक समझौते पर दस्तखत किया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरेड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी अंतरराज्यीय सीमा विवाद के समाधान के लिए समझौते पर दस्तखत किए। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है, देश में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए।
शाह ने कहा- मुझे खुशी है कि आज विवाद की 12 जगहों में से छह पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है। सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70 फीसदी सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है। मुझे भरोसा है कि बाकी की छह जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी कहा कि असम-मेघालय ने छह विवादों को सुलझा लिया गया है बाकी और मसले हैं उन्हें सुलझाया जाएगा।
सरमा ने कहा- असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद के समाधान की शुरुआत आज हो गई है। इस समझौते के बाद हम दूसरे चरण का काम शुरू करेंगे और अगले छह-सात महीने में बाकी छह विवादित जगहों का हल निकालने की पूरी कोशिश करेंगे। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरेड संगमा ने इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा विवादों को सुलझाने का निर्देश दिया। संगमा ने कहा- आज संकल्प का पहला चरण हो चुका है। यह असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के कारण ही संभव हो सका। मैं समिति के सभी सदस्यों और दोनों राज्यों के अधिकारियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं।