नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कई बांग्लादेशी नागरिकों को जमानत दे दी है, जिन्होंने मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात बैठक में हिस्सा लिया था। साकेत कोर्ट मुख्य महानगर दंडाधिकारी गुरमोहिना कौर ने प्रत्येक विदेशी को 10,000-10,000 रुपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी। मामले की सुनवाई वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
आरोपियों ने आज कोर्ट में समझौता आवेदन (प्ली बार्गेनिंग एप्लिकेशन) दिया। इस तरह के आवेदन के तहत आरोपी अपना दोष स्वीकार कर लेता है और कम दंड देने की याचना करता है।
अब तक, अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, रूस, अल्जीरिया, बेल्जियम, सऊदी अरब और अन्य सहित विभिन्न देशों के नागरिकों को जमानत दी गई है।
सभी आरोपित पर वीजा नियमों का कथित उल्लंघन करने के अलावा कोविड-19 के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके जमात में हिस्सा लेने का आरोप है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामले के संबंध में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों का नाम लिया है। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, हालांकि केंद्र ने उनका वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। तबलीगी जमात नेता मौलाना साद और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है।
तबलीगी जमात मामले में बांग्लादेशी नागरिकों को जमानत
और पढ़ें
-
कोर्ट में केजरीवाल ने खुद दी दलील
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में अपनी दलीलें खुद दीं और अदालत...
-
केजरीवाल को सीएम से हटाने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। एक तरफ राउज एवेन्यू का विशेष अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चार दिन के लिए...
-
छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
नई दिल्ली। देश की शीर्ष न्यायपालिका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। देश के कुछ जाने माने वकीलों के...
-
चिट्ठी के बहाने कांग्रेस पर मोदी का हमला
नई दिल्ली। देश के कुछ जाने माने वकीलों के साथ छह सौ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई...