नई दिल्ली। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर में बड़ी गिरावट आई है। मार्च के महीने में यह घट कर 1.34 फीसदी हो गई है। गौरतलब है कि पिछले लगभग पूरे साल थोक महंगाई की दर दहाई में रही थी। लेकिन अब यह 29 महीने के सबसे निचले स्तर पर है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रही थी, जबकि उससे पहले जनवरी 2023 में थोक महंगाई दर 4.73 फीसदी थी। गेहूं, दालें और ईंधन जैसी चीजों के सस्ते होने से महंगाई में गिरावट आई है।
इससे पहले अक्टूबर 2020 में थोक महंगाई दर 1.31 फीसदी पर थी। मार्च में लगातार 10वें महीने थोक महंगाई दर कम हुई है। पिछले सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए थे। मार्च 2023 में खुदरा महंगाई घटकर 5.66 फीसदी पर आ गई है। खाने-पीने के सामान के दामों में गिरावट आने से खुदरा महंगाई दर घटी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई में लगभग आधी हिस्सेदारी खाने पीने की चीजों की होती है।
बहरहाल, मार्च में थोक महंगाई दर में गिरावट खाने-पीने के सामान, टेक्सटाइल्स, मिनरल्स, रबर और प्लास्टिक उत्पादों की कीमतों में गिरावट के चलते आई है। वहीं कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, पेपर और पेपर प्रोडक्ट्स की कीमतें कम होने से भी महंगाई घटी है। फरवरी में खाने के सामान की थोक महंगाई दर 2.76 फीसदी थी, ये मार्च में 2.32 फीसदी पर आ गई। मार्च में रोजाना जरूरत के सामानों की महंगाई 3.28 फीसदी से घट कर 2.40 फीसदी पर आ गई। ईंधन और बिजली की थोक महंगाई फरवरी के 14.82 फीसदी से गिरकर 8.96 फीसदी पर आ गई। मार्च में गेहूं की थोक महंगाई दर 9.16 फीसदी रही, जबकि मार्च 2022 में ये 14.04 फीसदी थी।