ताजा पोस्ट

ब्लैक आउट का खतरा!

ByNI Desk,
Share
ब्लैक आउट का खतरा!
नई दिल्ली। अगर कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दो दिन में पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाएगी। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजधानी में ब्लैक आउट की चेतावनी दी है तो दिल्ली में बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा समूह की कंपनी ने भी अपने ग्राहकों को आगाह किया है और सोच समझ कर बिजली खर्च करने की सलाह दी है। असल में कोयले से बिजली बनाने वाले देश के कई पावर प्लांट्स में कोयले की कमी हो गई है, जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों में ब्लैक आउट का खतरा मंडरा रहा है। big power crisis coming

Read also यूपी के छह पुलिसकर्मियों पर एक-एक लाख इनाम

हाल के दिनों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोयले की कमी से थर्मल पावर प्लांट्स बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि इस साल मॉनसून में ज्यादा बारिश होने की  वजह से कोयले का खनन और उसकी ढुलाई प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से बिजली उत्पाद पर असर पड़ा है। बहरहाल, इस समय देश के ज्यादातर पावर प्लांट्स में दो से सात दिन तक के बिजली उत्पादन के लिए कोयला उपलब्ध है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बिजली मंत्री ने बताया है कि दिल्ली में जहां से बिजली की आपूर्ति होती है उन संयंत्रों में एक दिन के ही उत्पादन का कोयला बचा है। अगर वहां कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होती है तो दिल्ली में बिजली आपूर्ति ठप्प हो सकती है। इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की व्यवस्था करवाने की अपील की है। उन्होंने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करने को कहा है।

Read also कांग्रेस कार्य समिति की बैठक 16 अक्टूबर को

इस बीच दिल्ली में बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा की कंपनी टीपीडीडीएल ने अपने ग्राहकों को भेजे संदेश में कहा है- उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है। कृपया सोच-समझ कर बिजली का इस्तेमाल करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें। असुविधा के लिए खेद है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते की शुरुआत में, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने देश में थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की कमी को स्वीकार किया था और इसे सामान्य स्थिति से परे करार दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में बिजली की मांग कम हो जाएगी और संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति में भी सुधार होगा। बहरहाल, अगर दो दिन में कोयले की आपूर्ति नहीं होती है तो दिल्ली में बड़े पैमाने पर बिजली कटौती शुरू होगी।
Published

और पढ़ें