नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के पहले चरण के नौवें दिन शुक्रवार को उच्च सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटाने के विरोध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन किया। इस बीच कांग्रेस की एक सांसद रजनी पाटिल को इस सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने एक दिन पहले अपने मोबाइल से सदन की कार्यवाही रिकॉर्ड की थी और उसे सार्वजनिक कर दिया था। सरकार की ओर से इस पर गंभीर आपत्ति जताई गई।
बहरहाल, शुक्रवार को सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सांसद वेल में आ गए। उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी से अपनी सीट पर वापस जाने की अपील की। विपक्षी सांसदों ने बात नहीं मानी तो सभापति धनखड़ ने रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, केटीएस तुलसी, केसी वेणुगोपाल सहित कई सांसदों को नेम कर दिया। सभापति की आपत्ति के बाद कांग्रेस और विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉक आउट किया।
कांग्रेस अध्यक्ष और उच्च सदन में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने भाषण में खुद की तारीफ की। उन्होंने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, अडाणी, रुपए के गिरती कीमत और अन्य मुद्दों पर बात नहीं की। उन्होंने कहा कि केवल वे ही इस देश को बचा सकते हैं, यह अहंकार है।
उदर लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और डीएमके सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। लोकसभा के कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद के बाहर कहा- मुझे ऐसा लगता है कि यह नई संसद है, मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। विपक्ष बोल नहीं सकता। मुझे लग रहा है कि संसद भी काम करना बंद कर देगी। उन्होंने कहा- संविधान के अनुच्छेद 105 के अनुसार, हम संसद में अपने विचार बिना फिल्टर किए रख सकते हैं। यह दुख की बात है कि राहुल गांधी के विचारों को गलत तरीके से फ्रेम किया जा रहा है।