नई दिल्ली। दोषियों की रिहाई के मामले में गुजरात दंगों की पीड़ित बिलकिस बानो की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच से जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने अपना नाम अलग कर लिया। हालांकि उन्होंने ऐसा करने की वजह नहीं बताई है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मामला किसी दूसरी बेंच को सौंप दीजिए।
गौरतलब है कि बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की बेंच में मंगलवार को सुनवाई शुरु होते ही जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि उनकी साथी जज मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी। इसके बाद जस्टिस रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया कि मामले को ऐसी बेंच के सामने सूचीबद्धकिया जाए, जिसमें उन दोनों में से कोई सदस्य ना हो। इससे बिलकिस की याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब दूसरी बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
बिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। दूसरी याचिका में सर्वोच्च अदालत के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी। मई के आदेश में अदालत ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा है कि जब मुकदमे की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?