लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई,बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की बदहाली जैसी मूलभूत समस्यायों से ध्यान भटकाने के लिये लाये गये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आड़ में उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जानबूझ कर राज्य में माहौल खराब कर रही है।
यादव ने पार्टी दफ्तर में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा “ दो साल पहले केन्द्र सरकार ने काला धन वापस लाने के बहाने नोटबंदी कर गरीब जनता को लाइन में खड़ा कर दिया था और अब सीएए और एनआरसी के जरिये जनता को एक बार फिर नागरिकता के अधिकार के लिये लाइन में खड़े होने की तैयारी है। ऐसा सिर्फ गिरती अर्थव्यवस्था,महंगाई,बेरोजगारी,किसानो की समस्या और बदहाल कानून व्यवस्था से जनता का ध्यान हटाने के लिये किया जा रहा है। ”
उन्होने कहा कि सपा कार्यकर्ता और सीएए से नाराज लोग शांतिपूर्ण तरीके से विरोध व्यक्त कर रहे थे लेकिन इसके बीच भाजपा के लोग और पुलिसकर्मियों ने तोड़फोड़ और आगजनी कर प्रदर्शन को हिंसा का रूप दे दिया। राज्य में हिंसा को हवा देने और युवकों के मारे जाने के लिये भाजपा और उसकी सरकार जिम्मेदार है। जिस राज्य का मुख्यमंत्री ‘ठोको और बदला लो’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता हो, वहां न्याय की उम्मीद करना बेमानी है।
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की भाषा शैली की वजह से निर्दोष लोगों की जाने गयी। संविधान का मखौल उड़ाने में माहिर भाजपा सरकार लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने का काम कर रही है। उनकी पार्टी संविधान में छेड़छाड़ करने की इजाजत कतई नहीं देगी और सीएए और एनआरसी का विरोध हर स्तर पर करती रहेगी।
उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुजर बसर कर रहे गरीब मजदूर को अपनी नागरिकता साबित करने का प्रमाण देना होगा जबकि कई के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। महंगाई,बेरोजगारी से परेशान लोगों को एक बार फिर लाइनो में लगने और अपनी नागरिकता का प्रमाणपत्र देने की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा।