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एमसीडी में 15 साल बाद हारी भाजपा

ByNI Desk,
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एमसीडी में 15 साल बाद हारी भाजपा
नई दिल्ली। विधानसभा के बाद अब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम का चुनाव भी जीत लिया है। आप ने 15 साल के बाद दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी पर से भाजपा का कब्जा समाप्त किया है। ढाई सौ सीटों की एमसीडी में आप को 134 और भाजपा को 104 सीटें मिली हैं। इस तरह 15 साल की एंटी इन्कंबैंसी के बावजूद भाजपा ने कड़ी टक्कर दी और दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर महज तीन फीसदी का रहा। कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में सिर्फ नौ सीटों पर सिमट गई। उसे 19 सीटों का नुकसान हुआ। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 42.05 फीसदी वोट मिले, जबकि 39.09 फीसदी वोट हासिल करके भाजपा दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस को सिर्फ 12 फीसदी वोट मिले। यह पिछले यानी 2020 के विधानसभ चुनाव के मुकाबले तो आठ फीसदी ज्यादा हैं लेकिन 2017 के नगर निगम चुनाव के मुकाबले 10 फीसदी की है। पिछले निगम चुनाव के मुकाबले आम आदमी पार्टी को 16 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसके वोट में 10 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। भारतीय जनता पार्टी ने अपना वोट बनाए रखा है। दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में आम आदमी पार्टी को नुकसान हुआ है और कांग्रेस को फायदा हुआ है। माना जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ढुलमुल रवैए की वजह से कुछ इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं का मोहभंग हुआ है। पार्टी के विधायक और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले पांच में से चार वार्ड में आम आदमी पार्टी हारी है। वहां दो सीटें कांग्रेस को मिली हैं। इसी तरह आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के इलाके में भी आप को झटका लगा है। वहां भी कांग्रेस दो सीटें जीती है। आम आदमी पार्टी की सरकार के मंत्रियों के क्षेत्र में भी पार्टी को झटका लगा है। जेल में बंद दिल्ली सरकार के मत्री सत्येंद्र जैन के चुनाव क्षेत्र शकूर बस्ती की सभी तीनों सीटों पर भाजपा जीती है। इसी तरह उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज सीट पर भी चार में से तीन वार्ड में भाजपा जीती है। राज्य सरकार के एक और मंत्री कैलाश गहलोत के क्षेत्र में भी आम आदमी पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पाई है। गौरतलब है कि दो दिन पहले आए एक्जिट पोल के अनुमानों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिलने की बात कही गई थी। कई सर्वेक्षणों में पार्टी को 170 से 191 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। लेकिन पार्टी 134 सीटों पर रूक गई। कांग्रेस के वोट में आठ फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से आम आदमी पार्टी का विजय रथ धीमा हो गया। जिस तरह से दिल्ली में कांग्रेस की वजह से आप को नुकसान हुआ उसी तरह गुजरात में आप की वजह से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने की संभावना है। फिर भी भाजपा का मेयर बनने की चर्चा! भारतीय जनता पार्टी दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी का चुनाव हार गई है पर पार्टी ने हार नहीं मानी है। उसकी सीटें 181 से घट कर 104 रह गई हैं यानी उसे 77 सीटों का नुकसान हुआ है। वह बहुमत से 22 सीट दूर है फिर भी चर्चा यह है कि वह लगातार चौथी बार अपना मेयर बनाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि चौथी बार भाजपा का मेयर बनेगा। भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने भी यही बात कही है। भाजपा नेताओं के इन बयानों से दलबदल की संभावना दिख रही है।
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