लखनऊ। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को असंवैधानिक बताते हुये राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रदेश अध्यक्ष डा मसूद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि नये कानून के विरोध में हो रही हिंसा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग शामिल हैं। डा मसूद ने पत्रकारों से कहा कि असंवैधानिक कानून के फलस्वरूप देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
कहीं कहीं भाजपा समर्थित लोग प्रदर्शन की भीड में घुसकर शान्तिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाने का कुचक्र रख रहे है जिसका सटीक उदाहरण राजधानी लखनऊ है। बंगलुरू में दो तथा लखनऊ में एक व्यक्ति की हिंसात्मक वारदातों में हुयी मृत्यु भी सत्ता पक्ष के कुचक्र और पुलिस की तानाशाही का परिणाम है।
उन्होने कहा कि यह अधिनियम लागू होने के बाद युवा और छात्रों के साथ आमजन भी उद्वेलित है। यह अधिनियम भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के थोपने के परिणामस्वरूप देश की एकता और अखण्डता को बिगाड़ने का असफल प्रयास है। किसान, नौजवान, बेराजगार वर्ग की समस्याओं की अनदेखी के साथ साथ गिरती हुयी अर्थव्यवस्था से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस अधिनियम को जबरन थोपा गया है।
यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा इस अधिनियम की आड में देश में एनआरसी थोपना चाहती है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और शान्तिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाना निंदनीय है। उनकी पार्टी राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करती है कि वे संसद का विशेष सत्र आहुत करने का आदेश केन्द्र सरकार को दें।