Varanasi: देश में कोरोना से हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. अब तो 1 दिन में तीन लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में भी कोरोना कहर बरसा रहा है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में तो हालात कुछ ऐसे बन गए हैं 24 घंटे मैं शवदाह गृह में शवों को जलाने का काम किया जा रहा है. वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर बने गैस शवदाहग्रह में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि इस घाट पर इससे पहले आज तक कभी इतने शव नहीं जले थे. कर्मचारी ने बताया कि यहां लगातार शव जलाए जा रहे हैं. जिस कारण ब्लोवर का पंखा तक पिघल गया है. उन्होंने बताया कि बुधवार से यहां का अंतिम संस्कार का काम रुका हुआ है.
रिपेयरिंग का चल रहा है काम
हरिश्चंद्र घाट के शवदाहग्रह में पंखे के जलने की खबर के बाद से लगातार उसे रिपेयरिंग करने का प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ घंटों में यह काम खत्म कर लिया जाएगा. हालांकि कोरोना से मौतों के तांडव को देखते हुए कहा जा रहे हैं कि लगातार शव जलाने का काम नहीं किया जाए ना तो फिर से रिपेयरिंग की जरूरत आ सकती है. ऐसे में ये हालात शवदाहग्रह में काम करने वाले कर्मियों के लिए परेशानी के सबब बन रहे हैं.
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24 घंटे जलाया जा रहा था शव
बता दें कि वाराणसी के हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर सबसे ज्यादा दाह संस्कार होता है. यहां स्थित प्राकृतिक गैस शवदाह गृह में ही कोविड-19 से मरे हुए लोगों का शव के अंतिम संस्कार का निर्धारण किया गया है. लेकिन प्रदेश में कोरोना के हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि शवों के आने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. यहां काम करने वाले कर्मी ने बताया कि बुधवार के पहले करीब 5 दिनों तक लगातार यहां अंतिम संस्कार का काम किया गया. जिस कारण यह परेशानी सामने आई है.
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