नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई और कौंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट यानी आईसीएसई की परीक्षाएं सिर्फ स्कूल में जाकर ही दी जा सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने इन परीक्षाओं को ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। छह छात्रों ने सीबीएसई और आईसीएसई की पहले टर्म की परीक्षा हाईब्रीड मोड में कराने के आदेश देने की याचिका दी थी। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अधिवक्ता संजय हेगड़े के जरिए दायर याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसमें देरी हो चुकी है। CBSE ICSI Exam
अदालत ने कहा कि याचिका दायर करने में देरी हो चुकी है इसलिए इस पर विचार नहीं किया जा सकता है। सीबीएसई के पहले टर्म की परीक्षा शुरू हो चुकी हैं और आईसीएसई की परीक्षा अगले सप्ताह शुरू होंगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान संजय हेगड़े ने कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और यह कहना जल्दबाजी होगी की परीक्षा ऑफलाइन होंगी। बच्चों के बीच वायरस फैल सकता है। इससे 14 लाख बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता सिर्फ यहीं चाहते हैं कि हाइब्रिड मोड अभी जारी रहे।
Read also बैंकों की स्थिति काफी सुधरी: मोदी
दूसरी ओर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पिछले साल हाइब्रिड परीक्षा नहीं हुई थी। कक्षा 10 के 14 लाख और कक्षा 12 में 20 लाख छात्र हैं। परीक्षा पहले ही 16 नवंबर, 2021 को शुरू हो चुकी हैं जिसके लिए नोटिस अक्टूबर में जारी कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया की पहले 40 छात्र एक क्लास में बैठते थे लेकिन अब क्लास में सिर्फ 12 छात्र ही बैठेंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसके अलावा परीक्षा केंद्र की संख्या बढ़ा कर 15 हजार किया गया है। परीक्षा भी अब तीन की बजाय डेढ़ घंटे की हो गई है।