
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश होते हुए बुलडोजर की एंट्री राष्ट्रीय राजधानी में भी हो गई है। जहांगीरपुरी के बाद सोमवार को शाहीन बाग में कथित अवैध निर्माण तोड़ने एमसीडी के बुलडोजर पहुंचे। हालांकि लोगों के भारी विरोध की वजह से बिना कार्रवाई किए बुलडोजर वापस लौट गए। इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई नहीं करते हुए याचिका दायर करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को फटकार भी लगाई और प्रभावित लोगों को हाई कोर्ट में जाने को कहा।
गौरतलब है कि करीब दो-ढाई साल पहले नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग पूरे देश में सुर्खियों में आया था। सोमवार को वहां दक्षिण दिल्ली नगर निगम की टीम कथित अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची थी। एमसीडी के बुलडोजर जैसे ही शाहीन बाग पहुंचे, हंगामा शुरू हो गया। लोगों के विरोध के बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे एमससीडी के बुलडोजर वापस चले गए। इसके बाद लोगों ने वहां तिरंगा लहराया।
इस बीच शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने की मुहिम के खिलाफ सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यह कहते हुए दखल देने से इनकार कर दिया कि याचिका किसी भी प्रभावित पक्ष की बजाय एक राजनीतिक दल ने दायर की है। कोर्ट ने कहा कि अदालत को राजनीति का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए। अदालत ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम से प्रभावित लोगों से हाई कोर्ट जाने को कहा है।
एमसीडी की कार्रवाई के विरोध में सोमवार को लोग बुलडोजरों के सामने लेट गए। कुछ महिलाएं बुलडोजर पर चढ़ गईं। वहीं, कुछ जगहों पर लोग सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए। हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने लोगों को वहां से हटाया। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। इसके बावजूद कार्रवाई का विरोध जारी रहा। विरोध तेज होने के बाद अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है।