कारोबार

खरीदार नहीं मिले, बीपीसीएल की बिक्री रूकी

ByNI Desk,
Share
खरीदार नहीं मिले, बीपीसीएल की बिक्री रूकी
नई दिल्ली। भारत सरकार के पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल को खरीदार नहीं मिला है। इस वजह से सरकार ने इसकी बिक्री रोक दी है। केंद्र सरकार ने कंपनी में अपनी पूरी करीब 53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के अपने प्रस्ताव को वापस ले लिया। सरकार की तरफ से कहा गया है कि ज्यादातर कंपनियों ने ऊर्जा बाजार की मौजूदा परिस्थितियों के कारण इसकी बोली में शामिल होने में असमर्थता जताई है। गौरतलब है कि सरकार ने इस साल के लिए 65 हजार करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। बीपीसीएल, एलआईसी, हिंदुस्तान जिंक आदि कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर सरकार को यह रकम जुटानी है। बहरहाल, केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में बीपीसीएल के लिए बोली मंगाई थी।  नवंबर 2020 तक तीन बोलियां आईं। लेकिन इनमें से से भी बोली लगाने वाली दो कंपनियां पीछे हट गईं। इससे बीपीसीएल की बिक्री का प्रयास सफल नहीं हुआ। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम ने कहा है कि कई कोरोना वायरस की महामारी और भू-राजनीतिक स्थितियों ने पूरी दुनिया में तेल और ईंधन के बाजार को प्रभावित किया है। दीपम ने बताया है कि दुनिया के हालात को देखते हुए इसमे बोली लगाने वाली कंपनियां पीछे हट गईं। इस वजह से विनिवेश पर बने मंत्री समूह ने बिक्री की प्रक्रिया को रोक देने का फैसला किया। आगे स्थितियों को देखते हुए फिर पहल की जाएगी। गौरतलब है कि वेदांता ग्रुप और यूएस वेंचर फंड अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक और आई स्क्वॉयर कैपिटल एडवाइजर्स ने बीपीसीएल में सरकार की करीब 53 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। इसकी बिक्री से सरकार को 60 हजार करोड़ रुपए के करीब मिलने की उम्मीद थी। लेकिन लग नहीं रहा है कि आसानी से यह प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।
Tags :
Published

और पढ़ें