नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। वे अपनी आजमगढ़ लोकसभा सीट नहीं बचा पाए। उनके इस्तीफे से खाली हुई यह सीट भाजपा ने जीत ली है। समाजवादी पार्टी को दूसरा झटका रामपुर सीट पर लगा है। आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई करीब 50 फीसदी मुस्लिम आबादी वाली इस सीट पर भी भाजपा जीत गई है। 2019 के आम चुनाव में भाजपा इन दोनों सीटों पर हारी थी। उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे से खाली हुई संगरूर विधानसभा सीट पर आप का उम्मीदवार हार गया है।
लोकसभा की तीनों सीटों पर प्रतिष्ठा की लड़ाई थी। आजमगढ़ सीट मुलायम परिवार की पारंपरिक सीट है। मुलायम सिंह यादव खुद 2014 में इस सीट से जीते थे और 2019 में अखिलेश चुनाव जीते थे। विधायक बनने के बाद अखिलेश ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। सपा ने मुलायम सिंह के भतीजे और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ाया था। उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ से था। निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को साढ़े आठ हजार से ज्यादा वोट से हराया। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार गुड्डू जमाली को दो लाख 66 हजार से ज्यादा वोट मिले।
रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के घनश्याम लोधी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम रजा से 42 हजार से भी अधिक वोटों से हरा दिया। चुनाव हारने के बाद आजम खान ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने आम लोगों को वोट नहीं डालने दिया, जिसकी वजह से सपा हारी है। लेकिन अपनी पत्नी तंजीम फातिमा की टिकट बदल कर आजम खान ने जब आसिम रजा को खड़ा किया था तभी से कहा जाने लगा था कि वे सपा की जीत नहीं चाहते हैं।
उधर पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री भगवंत मान का करिश्मा काम नहीं आया है। वे दो बार इस सीट से चुनाव जीते थे। लेकिन उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के नेता सिमरनजीत सिंह मान इस सीट से चुनाव जीत गए। पंजाब के पुराने दिग्गज नेता सिमरनजीत सिंह मान ने आम आदमी पार्टी के गुरमेल सिंह को 5,822 वोट से हराया। कांग्रेस के दलवीर गोल्डी तीसरे नंबर पर रहे। इस सीट पर अकाली दल और भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
सपा, आप को बड़ा झटका
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