नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों से जान बूझकर पैदा किए जा रहे विवादों की वजह से चर्चा में रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू में नया विवाद सामने आया है। जेएनयू कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिखे मिले हैं। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो, ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा जैसी धमकियां लिखी मिली हैं।
जेएनयू की उस महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा गया है, जिसे नवंबर 2019 में वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने तीन दिन के लिए हिरासत में रखा था। इस घटना को लेकर देर शाम तक जेएनयू प्रशासन की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि इन नारों को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एबीवीपी ने ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन यानी आईसा के वामपुथी छात्रों पर निशाना साधा है।
एबीवीपी का कहना है कि वामपंथियों ने खुली सोच वाले प्रोफेसर्स को डराने के लिए उनके चैंबर्स पर धमकियां लिख दी हैं। एबीवीपी ने जेएनयू प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं, आईसा के सदस्य और जेएनयू के पूर्व उपाध्यक्ष एन साईं बालाजी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा- हमें नहीं पता एबीवीपी किस बारे में बात कर रही है। हमने ऐसा कुछ नहीं किया है। ये एबीवीपी ने खुद किया होगा।