नई दिल्ली। जीएसटी कौंसिल की बैठक में कई चीजों पर जीएसटी की दरों में कमी करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही कौंसिल ने यह भी फैसला किया कि सालाना जीएसटी रिटर्न भरने में देरी होने पर लगने वाले जुर्माने को तर्कसंगत बनाया जाएगा। जीएसटी कौंसिल की अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद जीएसटी बकाए को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जून 2022 तक राज्यों का जो भी बकाया है उसे केंद्र सरकार चुका देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने खाते से इसका भुगतान करेगी, जिसकी भरपाई मुआवजा सेस से मिलने वाली रकम से किया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने जीएसटी कौंसिल की 49वी बैठक के बाद कहा कि सरकार वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी मुआवजे के पूरे 16,982 करोड़ रुपए का भुगतान अपनी जेब से करेगी। वित्त मंत्री ने कहा- हमने आज घोषणा की है कि जीएसटी मुआवजे का पूरा लंबित बकाया चुका दिया जाएगा। उन्होंने कहा- फिलहाल यह राशि मुआवजा निधि में उपलब्ध नहीं है। हमने इस राशि को अपने अपने खर्च से जारी करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री ने साफ किया कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए इस मुआवजे की रकम को जारी करने के बाद पूरे पांच साल के लिए तय जीएसटी मुआवजे का भुगतान कर देगी।
गौरतलब है कि जुलाई 2017 में जीएसटी कानून लागू होने के समय तय हुआ था कि अगर राज्यों को अनुमानित जीएसटी से कम राजस्व मिलता है तो पांच साल तक उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। पांच साल की वह अवधि जून 2022 में पूरी हो रही है। बहरहाल, शनिवार को हुई बैठक में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल बनाए जाने पर भी विचार हुआ। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल पर कुछ राज्यों के सुझावों को शामिल किया गया है, लेकिन इसके गठन पर सहमति नहीं बनी है।
जीएसटी कौंसिल की बैठक में कुछ उत्पादों पर कर कम करने का भी फैसला किया गया। पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी की दरों में कटौती की गई है। वित्त मंत्री ने कहा- पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी दरें 18 से घटाकर 12 फीसदी की गई है। इसके अलावा लिक्विड गुड़ यानी राब पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है, जो कि पहले 18 फीसदी था। इसके अलावा जीएसटी कौंसिल ने टैग, ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर्स पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटा कर शून्य करने का फैसला किया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा- जीएसटी कौंसिल की बैठक में सीमेंट पर अभी विचार नहीं हुआ। वहीं, मोटे अनाज यानी मिलेट्स को लेकर अगली बैठक में विचार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- आज की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्री समूह की रिपोर्ट को नहीं लिया जा सका, क्योंकि मंत्री समूह के अध्यक्ष, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरेड संगमा राज्य में चुनाव के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाए। वही, पान मसाला और गुटखा पर अब प्रोडक्शन बेस्ड जीएसटी लगाया जाएगा। कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन लागू करने के फैसले से टैक्स चोरी मामले में कमी आएगी।