राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

चुनाव आयुक्त गोयल की नियुक्ति को चुनौती

नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, एडीआरर ने अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती दी है। गौरतलब है कि गोयल की नियुक्ति के बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला आया था, जिसमें अदालत ने प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस की एक कमेटी बना कर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का आदेश दिया था।

बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को सूचीबद्ध किया था, इस बीच जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। सुनवाई शुरू होने के बाद पहले तो जजों ने चुनौती देने वाले एनजीओ एडीआर से सवाल किया कि अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति में किन नियमों का उल्लंघन किया गया है। फिर उन्होंने सुनवाई से हटने की घोषणा की। इसके बाद मामले को दूसरी बेंच में भेजने का निर्देश दिया।

एडीआर ने अपनी याचिका में कहा है कि गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है। साथ ही यह चुनाव आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है। एडीआर ने चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ और स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की है। इस संस्था ने याचिका के जरिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर स्वयं के लाभ के लिए अरुण गोयल की नियुक्ति करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि याचिका में अरुण गोयल की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गोयल की नियुक्ति की प्रक्रिया दुर्भावनापूर्ण और मनमानी थी। देश के 160 अधिकारियों के पूल में से चार अधिकारियों का चयन किया गया था और उनमें से कई गोयल से छोटे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो मार्च को तीन सदस्यों की कमेटी के जरिए नियुक्ति का फैसला सुनाया था और कहा था कि जब तक केंद्र सरकार कानून बना कर नियुक्ति की दूसरी व्यवस्था नहीं करती है तब तक यह व्यवस्था जारी रहेगी।

Tags :

By NI Desk

Get International Hindi News with in-depth coverage of major events, politics, economy, and social issues worldwide. Stay informed with detailed, reliable updates on everything happening around the globe.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें