नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सर्वोच्च अदालत और देश की उच्च अदालतों में जजों की नियुक्ति और तबादले की कॉलेजियम प्रणाली का समर्थन किया है। कॉलेजियम प्रणाली पर लगातार सवाल उठा रहे केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू की मौजूदगी में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कॉलेजियम को अच्छा सिस्टम बताया। इस बीच यह भी खबर है कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ गुजरात के एक जज के तबादले पर हड़ताल कर रहे गुजरात हाई कोर्ट के वकीलों से मिलने के लिए सहमत हो गए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने वकीलों की हड़ताल का विरोध किया है और चीफ जस्टिस से मिलने की मांग कर रहे वकीलों की आलोचना भी की है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने भी वकीलों की हड़ताल पर सवाल उठाया और कहा कि हड़ताल न्याय मांगने वालों को पीड़ित बनाती है। बहरहाल, इस कार्यक्रम में रिजीजू हड़ताली वकीलों पर तो बोले लेकिन हर कार्यक्रम में कॉलेजियम पर सवाल उठाने और न्यायपालिका की आलोचना करने वाले रिजीजू कॉलेजियम मामले पर कुछ नहीं बोले।
चीफ जस्टिस ने न्यायिक नियुक्तियों की कॉलेजियम प्रणाली का समर्थन करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक फैसला करती है। कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने तबादले के मामले को लेकर चीफ जस्टिस से मिलने की मांग करने वाले वकीलों की आलोचना की। उन्होंने कहा- यह एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है लेकिन अगर कॉलेजियम के हर फैसले के खिलाफ इसी तरह विरोध होगा तो यह कहां तकजाएगा? पूरा आयाम बदल जाएगा।
गौरतलब है कि जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में हुई पहली कॉलेजियम बैठक तीन उच्च अदालतों- मद्रास, गुजरात और तेलंगाना से एक एक जज को प्रशासनिक कारणों से स्थानांतरित करने का फैसला किया। गुजरात के जज जस्टिस निखिल एस करियल के स्थानांतरण का वकील विरोध कर रहे हैं और हड़ताल पर चले गए हैं। इस बीच खबर है कि चीफ जस्टिस तबादले के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए गुजरात बार के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए सहमत हो गए हैं। गुजरात बार के प्रतिनिधियों के सोमवार को चीफ जस्टिस की मुलाकात हो सकती है।