नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि मौसम में हो रहे बदलाव कृषि के लिए बड़ी चुनौती है और इससे अनुसंधान के माध्यम से निपटा जा सकता है। तोमर ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि मौसम बदल रहा है यह बड़ी चुनौती है ।
समय पर वर्षा नहीं हो रही है और बेमौसम बरसात हो रही है। बेमौसम बरसात से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ जिससे इसकी कीमतें भी बढ़ गयी थी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को मौसम में हो रहे बदलाव के मद्देनजर अनुसंधान तेज करना चाहिये । नये नये शोध से मौसम में हो रहे बदलाव पर विजय पाई जा सकती है ।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के अनुसंधान और किसानों के कड़े परिश्रम से हम दलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गये हैं लेकिन तिलहनों में ऐसा नहीं हो पाया है । तिलहनों में आत्मनिर्भरता के लिए तिलहन मिशन को तेज किया जायेगा । तोमर ने कहा कि पिछले कई साल से खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है । सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है तथा इस क्षेत्र में लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता है ।
उन्होंने कहा कि 11 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड दिये गये हैं और सरकार किसानों के हर खेत के मिट्टी के परीक्षण की तैयारी कर रही है । कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि पहले देश में एक करोड़ मिट्टी के नमूनों की जांच की क्षमता नहीं थी जो अब बढकर तीन करोड़ हो गयी है । सरकार अब ब्लाक स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना का प्रयास कर रही है ।
बदलता मौसम कृषि के लिए बड़ी चुनौती : तोमर
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