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हांगकांग की तरह ताइवान को भी मिलाएंगे: जिनफिंग

ByNI Desk,
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हांगकांग की तरह ताइवान को भी मिलाएंगे: जिनफिंग
बीजिंग। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल पर होने वाली पार्टी कांग्रेस शुरू हो गई है। इसके पहले दिन रविवार को राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने ताइवान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हांगकांग की मिसाल देते हुए कहा कि उस पर चीन का पूरा नियंत्रण हो गया है और ताइवान को लेकर भी चीन संकल्पित है। एक हफ्ते तक चलने वाली पार्टी कांग्रेस के बाद शी जिनफिंग को तीसरी बार पार्टी का महासचिव चुने जाने की संभावना है। इसके लिए दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बनने का नियम भी बदला जाएगा। बहरहाल, रविवार को पार्टी कांग्रेस के पहले दिन बीजिंग के ग्रेट हाल ऑफ द पीपल में पार्टी डेलिगेट्स के सामने बोलते हुए शी जिनफिंग ने कहा- हमने हांगकांग पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। इसके आगे उन्‍होंने कहा- ताइवान को लेकर हम दृढ संकल्पित हैं। शी ने कहा- ताइवान में विदेशी ताकतों का दखल है। हम इसे बरदाश्त नहीं करेंगे। अब तक हमने दखल का करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा- ताइवान का मसला हमारा आंतरिक मामला है। इसका समाधान हम निकाल लेंगे। हम ईमानदारी और शांतिपूर्ण तरीके से इसे सुलझाना चाहते हैं, लेकिन बल का प्रयोग करना नहीं छोड़ेंगे। हम समाधान के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। उन्होंने हांगकांग का जिक्र करते हुए कहा- हांगकांग की स्थिति अराजकता से शासन में बदल गई है। उन्होंने अमेरिका और दूसरे देशों को परोक्ष चेतावनी देते हुए किसी भी एकतरफावाद, संरक्षणवाद और बदमाशी का डटकर विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- हम एक नए प्रकार के अंतरराष्ट्रीय संबंध के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं, जो वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार और निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में चीनी मार्क्सवाद का एक नया क्षेत्र खोलना है। उन्होंने अपने भाषण में कई बार ताइवान का जिक्र किया। उन्होंने कहा- चीन ने ताइवान के अलगाववाद के खिलाफ एक बड़ा संघर्ष किया है और क्षेत्रीय अखंडता का विरोध करने के लिए हम दृढ़ और सक्षम हैं। बताया जा रहा है की पार्टी कांग्रेस की शुरुआत पिछले पांच साल के कामकाज की रिपोर्ट और अगले पांच साल की नीतिगत दिशा के साथ हुई। हालांकि, इसमें नया कुछ भी नहीं है और अगर होगा भी तो दुनिया को पता नहीं लगेगा। माना जा रहा है कि 69 साल के जिनफिंग के लिए सब कुछ तय योजना के अनुसार हो रहा है। माओत्से तुंग के बाद से चीन के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में वे अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। एक हफ्ते की बैठक के बाद पार्टी के महासचिव के रूप में शी जिनफिंग के नाम पर फिर मुहर लगाई जाएगी। ताइवान ने जताया विरोध चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग की ओर से ताइवान को लेकर कही गई बातों पर ताइवान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ताइवान ने कहा है कि वह चुप नहीं बैठेगा। गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति ने हांगकांग की तरह ताइवान को चीन में मिला लेने की बात कही है। इस पर ताइवान ने कहा है- अगर चीन की तरफ से कोई भी कदम उठाया जाता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे। ताइवान की संप्रभुता, लोकतंत्र और आजादी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमारा नजरिया बिल्कुल साफ है। ताइवान की आजादी, लोकतंत्र और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जंग किसी मसले का हल नहीं है। यही सोच हमारे नागरिकों का है। चीन में जो कुछ चल रहा है, उस पर हम पैनी नजर रख रहे हैं।
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