नई दिल्ली। जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पहली बार दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात होगी। चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं। वे शंघाई सहयोग संगठन, एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं लेकिन इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी उनकी दोपक्षीय बात होगी। गौरतलब है कि पिछले तीन साल से वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलएसी पर भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है।
इस गतिरोध के बीच चीन के रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं। वे 27 और 28 अप्रैल को नई दिल्ली में एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान 27 अप्रैल को वे राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के करीबी जनरल ली की भारत यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है। इस यात्रा को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारत के आमंत्रण पर चीनी स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27-28 अप्रैल से नई दिल्ली में एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की परिषद् की बैठक में भाग लेंगे।
चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया गया है- बैठक के दौरान, जनरल ली सम्मेलन को संबोधित करेंगे और संबंधित देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से भी मिलेंगे। जनरल ली भारत के रक्षा मंत्री सिंह के साथ दोपक्षीय बैठक करने और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य व कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा भी करेंगे। जनरल ली के दौरे से पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को चुशूल सेक्टर में हुई भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर के 18वें दौर की बातचीत को सकारात्मक बताया।
चीन ने कहा है कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को तेज करने पर सहमत हुए हैं। भारत की ओर से कहा गया है कि प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण और स्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड पर प्रासंगिक मुद्दों के निपटारे में तेजी लाने, सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने पर सहमत हुए।