नई दिल्ली। अपने चाचा पशुपति पारस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने के बाद अब चिराग पासवान ने अपनी ताकत दिखाई है। पारस के साथ पार्टी के छह में पांच सांसद हैं तो चिराग ने बताया है कि उनकी बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 90 फीसदी सदस्य शामिल हुए और साथ ही 12 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया। गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति पारस के नेतृत्व में अलग गुट बना लिया है और चिराग पासवान को पार्टी से निकाल दिया है। दूसरी ओर चिराग ने भी पशुपति पारस और दूसरे सांसदों को पार्टी से निकाल दिया है।
इस टकराव के बीच लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कब्जे के लिए चाचा-भतीजा के बीच चल रही वर्चस्व की जंग और तेज हो गई है। इसे लेकर राजधानी दिल्ली के 12, जनपथ स्थित अपने आस पर चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग की। पार्टी की तरफ से दावा किया गया है कि इसमें बिहार सहित 12 राज्यों के अध्यक्षों के साथ ही 90 फीसदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए। सभी ने अपना समर्थन चिराग को दिया है।
बैठक में मौजूद कार्यकारिणी के सदस्यों ने पार्टी से निलंबित किए गए पशुपति कुमार पारस सहित सभी पांच बागी सांसदों के लोजपा का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। मीटिंग की शुरुआत में चिराग ने वहां मौजूद सभी सदस्यों को शपथ दिलाई। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि चिराग ने रविवार को दिल्ली में ऐलान किया कि वे बिहार में संघर्ष यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पांच जुलाई का दिन चुना है, जो उनके पिता और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का जन्मदिन है।