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कोयले का संकट, शाह की मंत्रियों से बात

ByNI Desk,
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कोयले का संकट, शाह की मंत्रियों से बात
नई दिल्ली। केंद्रीय ऊर्जा और कोयला मंत्रियों ने रविवार को इस बात से इनकार किया था कि देश में कोयले की कमी है और बिजली का संकट होने वाला है। लेकिन सोमवार को इस मसले पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। देश के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की कमी और बिजली की आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की। coal crisis amit shah

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अमित शाह की बुलाई इस बैठक में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन यानी एनटीपीसी के अलावा ऊर्जा और कोयला मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए। सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक, देश के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का भंडार कम हो गया है, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पांच अक्टूबर को 135 थर्मल प्लांट्स में से करीब 80 प्लांट्स या तो क्रिटिकल या सुपर क्रिटिकल स्टेज में थे, यानी उनके पास अगले एक हफ्ते से कम का ही स्टॉक था। coal crisis in india coal crisis amit shah

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गौरतलब है कि कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी की वजह से बिजली कटौती की चेतावनी दी है, लेकिन कोयला मंत्रालय ने कहा है कि बिजली उत्पादन प्लांट की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध है और बिजली की आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा नहीं है। खुद ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कोयले की कमी की खबरों को खारिज किया था। कोयला मंत्रालय ने कहा था कि कोयले से चलने वाले प्लांट्स में 7.2 मिलियन टन कोयला है, जो चार दिनों के लिए पर्याप्त है।

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इससे पहले कई राज्यों में कोयले की कमी की खबरें आई थीं। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में अगर कोयले की आपूर्ति नहीं होती है तो दो दिन में बिजली का संकट हो जाएगा और राजधानी में ब्लैक आउट करना होगा। दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली टाटा समूह की कंपनी भी अपने ग्राहकों को बिजली कटौती के लिए आगाह किया था। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब सहित कई राज्यों में कोयले की कमी का अंदेशा है।
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