नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के तीसरे दिन रविवार को कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को निशाना बनाया और कई सवाल पूछे। इस हादसे में 275 लोगों की जान गई है और 11 सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हादसे को आजाद भारत के सबसे दर्दनाक मामलों में से एक बताते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि विज्ञापन और पीआर हथकंडों ने सरकार के काम करने की प्रणाली को खोखला बना दिया है।
खड़गे ने कहा- ये सवाल है कि रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो पीएमओ भर्ती करता है, उनको नौ सालों में क्यों नहीं भरा गया? कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि 10-12 चमकती दमकती रेल दिखाने के चक्कर में पूरा ढांचा चरमराता जा रहा है। रेल मंत्री के इस्तीफे पर जोर देते हुए पवन खेड़ा ने कहा- इस्तीफे का मतलब होता है नैतिक जिम्मेदारी लेना, लेकिन यहां नैतिकता बची नहीं तो किससे इस्तीफा मांगें।
उन्होंने कहा- सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि ट्रैक मेंटेनेंस का बजट लगातार कम होता गया है।. रेल की रिपोर्ट बताती है कि तीन लाख 12 हजार पद रिक्त हैं। प्राण जाए पर पीआर न जाए, सरकार को ये नीति छोड़नी पड़ेगी। खेड़ा ने प्रधानमंत्री से पूछा- क्या रेलमंत्री से इस्तीफ़ा लेंगे? क्या सीएजी और स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का संज्ञान लेंगे? हमारे ये तीन सवाल हैं, जिनका हम जवाब चाहते हैं।